बुधवार, 29 अगस्त 2007

प्यारे कृष्ण कन्हैया

कलयुग में अब ना आना रे
प्यारे कृष्ण कन्हैया

तुम बलदाऊ के भाई
यहाँ हैं दाउद के भइया।।

दूध दही की जगह पेप्सी,

लिम्का कोका कोला
चक्र सुदर्शन छोड़ के
हाथों में लेना हथगोला
डॉबरमैन नाथना होगा,
काली नाग नथइया।
कलयुग में अब. . .।।

गोबर को धन कहने वाले
गोबर्धन क्या जाने
रास रचाते पुलिस पकड़ कर
ले जाएगी थाने
लेन देन करके फिर
छुड़वाएगी जसुमति मैया।
कलयुग में अब. . .।।

नंद बाबा के पास गाय की
जगह मिलेंगे कुत्ते
औ कदंब की डार पे होंगे
मधुमक्खी के छत्ते
यमुना तट पर बसी
झुग्गियों में करना ता थैया।
कलयुग में अब. . .।।

जीन्स और टीशर्ट डालकर
डिस्को जाना होगा
वृंदावन को छोड़ क्लबों में
रास रचाना होगा
प्यानो पर धुन रटनी होगी
मुरली मधुर बजैया।
कलयुग में अब. . .।।

देवकी और वसुदेव बंद
होंगे तिहाड़ के अंदर
जेड श्रेणी की लिए सुरक्षा
होंगे कंस सिकंदर
तुम्हें उग्रवादी कह करके
फसवा देंगे भैया
कलयुग में अब. . .।।

विश्व सुंदरी बनकर फ़िल्में
करेंगी राधा रानी
और गोपियाँ हो जाएँगी
गोविंदा दीवानी
छोड़ के गोकुल औ' मथुरा
बनना होगा बंबइया।
कलयुग में अब. . .।।

साड़ी नहीं द्रौपदी की
अब जीन्स बढ़ानी होगी
अर्जुन का रथ नहीं
मारुति कार चलानी होगी
ईलू-ईलू गाना होगा
गीता गान गवैया।
कलयुग में अब. . .।।

आना ही है तो आ जाओ
बाद में मत पछताना
कंप्यूटर पर गेम खेलकर
अपना दिल बहलाना
दुर्योधन से गठबंधन कर
बनना माल पचइया।
कलयुग में अब. . .।।

DR. SUNIL JOGI DELHI, INDIA
CONTACT ON - O9811005255
www.kavisuniljogi.com
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जोगी दस के चौके

जीवन मे रंग घोल दे, वो शाम कहां है
दिल को सुकून दे, वो इन्‍तजाम कहां है
कल शिल्‍पा शेट्टी से मैंने शाम को पूछा
अब गेर के संग अगला प्रोग्राम कहां है ।

हर उम्र में भड.के हुये जज्‍.बात मिलेंगे
बीमार दिल के लोग, साथ साथ मिलेंगे
लैला के घर के पास में, मजनूं का प्‍लॉट है
जूली जहां भी होगी, मटुकनाथ मिलेंगे ।


इस वक्‍त की धारा ने, सिकन्‍दर बहा दिये
चाहत की सुनामी ने, कई घर बहा दिये
अभिषेक ऐश साथ, हनीमून पर गये
सलमान ने रो रो के समन्‍दर बहा दिये

आजकल तितलियां फूलों से दूर बैठी हैं
बेटियां बाप से पाले गुरूर बैठी हैं
न पूछो किसकी यहां कितनी शादियां होंगी
हमारे घर में एकता कपूर बैठी हैं ।


होण्‍डा सिटी लाया तो खटारा समझ लिया
शादीशुदा हूं मुझको कुंवारा समझ लिया
मैं अपनी बीवी लेके स्‍पेन जा रहा था
लोगों ने बाबू भाई कटारा समझ लिया ।


कुरसी पे बैठते ही चमत्‍कार करा दें
सालों से बना दबदबा बेकार करा दें
एम.पी. भी हो तो बहन जी से मिलने न जाना
ऐसा न हो बुला के गिरफ्तार करा दें ।


मुझे हास्पिटल में गुलाब आ रहे हैं
सुबह शाम नर्सों के ख्वाब आ रहे हैं
जिन्हें खत लिखे थे जवानी में मैंने
जवानी में उनके जवाब आ रहे हैं ।

कोठे में जो पडे थे, वो कोठी में आ गये
भूखे थे चार दिन के वो रोटी में आ गये
इक बार मल्लिका से मिल के, ये हुआ असर
कि बाबा रामदेव लंगोटी में आ गये

सरकारों में रोज घोटाले, होते तो फिर क्‍या होता
लिखते लिखते कागज काले, होते तो फिर क्‍या होता
केवल दो सालों ने उनकी, नाक में दम कर रक्‍खा है
लालू जी के नौ दस साले, होते तो फिर क्‍या होता ।

हमारी मोहब्‍बत का अफसाना होता
शहर अपनी चाहत का दीवाना होता
अगर प्रेम पत्रों में पत्‍थर न भरते
न तुम कानी होती, न मैं काना होता

DR. SUNIL JOGI DELHI, INDIA
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