मंगलवार, 25 सितंबर 2007

बुढ़ापा मत देना हे राम!

बुढ़ापा मत देना हे राम!
बुढ़ापा मत देना हे राम!
साठ साल की बुढ़िया हो गई
है बिल्कुल बेकाम।

बुढ़ापा मत देना हे राम!
आँत भी नकली, दाँत भी नकली
आँख पे चढ़ गया चश्मा
काँटा लगा दिखाई ना दे
तब्बू और करिश्मा
देख के भागे दूर लड़कियाँ
जैसे हूँ सद्दाम।
बुढ़ापा मत देना हे राम!

परियों-सी सुंदरियाँ बोलें
बाबा, कहें खटारा
ऊपर राख जमी लेकिन
भीतर धधके अंगारा
मन आवारा बंजारा
तन हुआ रसीला आम।
बुढ़ापा मत देना हे राम!

पहले बुढ़िया थी ऐश्वर्या
मैं सलमान के जैसा
अब वो टुनटुन जैसी लगती
मैं महमूद के जैसा
दिल अब भी मजनूँ जैसा
है अंग-अंग गुलफ़ाम।
बुढ़ापा मत देना हे राम!

फ़ैशन टी.वी. वाली छमिया
जी हमरा ललचाए
चले 'रैंप' पर मटक-मटक
'कैरेक्टर' फिसला जाए
कैसे जपूँ तुम्हारी माला
जी भटके हर शाम।
बुढ़ापा मत देना हे राम!

'व्हिस्की' छूट गई लटकी है
'ग्लूकोज' की बोतल
जी करता 'डिस्को' 'पब' जाऊँ
पाँच सितारा होटल
'डांस बार' में बैठूँ
चाहे हो जाऊँ बदनाम।
बुढ़ापा मत देना हे राम।

पाल-पोसकर बड़े किए
वो लड़के काम न आए
मुझे बराती बना दिया
दुल्हन को खुद ले आए
मैं भी दूल्हा बनूँ खर्च हों
चाहे जितने दाम।
बुढ़ापा मत देना हे राम!

उमर पचहत्तर अटल बिहारी
को दी तुमने क्वारी
मेरी तो सत्तर है किरपा
करिए कृष्ण मुरारी
गोपी अगर दिला दो तो
बनवा दूँ तेरा धाम।
बुढ़ापा मत देना हे राम!
रोम-रोम रोमांस भरा है
राम न दिल को भाएँ
अस्पताल जाऊँ तो नर्सें
हँस-हँस सुई चुभाएँ
कामदेव यमराज खड़े हैं
दोनों सीना तान।
बुढ़ापा मत देना हे राम!
लोग पुराना टीव़ी लेकर
जाएँ नया ले आएँ
हम टूटी फूटी बुढ़िया को
किससे बदलकर लाएँ
'फेयर एंड लवली' छोड़ के बैठी
रगड़ रही है बाम।
बुढ़ापा मत देना हे राम!
क्लिंटन की तो खूब टनाटन
मिलवाई थी जोड़ी
मेरे लिए ना उपरवाले
कोई मोनिका छोड़ी
खुशनसीब होता गर
मुझ पर भी लगता इल्ज़ाम।
बुढ़ापा मत देना हे राम!

मेरे संग-संग हुई देश की
आज़ादी भी बूढ़ी
जनता पहने बैठी
नेताओं के नाम की चूड़ी
अंग्रेज़ों से छूटे अंग्रेज़ी
के हुए गुलाम।
बुढ़ापा मत देना हे राम!

DR. SUNIL JOGI DELHI, INDIA
CONTACT ON - O9811005255

1 टिप्पणी:

ममतेश कुमार शर्मा ने कहा…

सच कहा आपने श्रीमान ,
बुढ़ापा बड़ी बुरी चीज है ,
है कसम से आ जाये तो कोई नहीं पूंछता
"आदमी जिस आईने को,
जवानी भर प्यार करता है.
बुढ़ापे में उसी आईने को
अचानक देख कर भी डरता है.
अपना साया भी नहीं मेरी परवा करता है,
क्या इसी दिन के लिए इंसान
औलाद पैदा करता है."